नये साल की नई किरणों का शुभ सवेरा
मुस्कराता स्वर्णिम भास्कर लगता प्यारा
बीती, बीते साल की रात, छाया रतनार प्रकाश
नव आशाओं में जगे, हम सब का स्वाति विश्वास
रुख मंजिलों का मुस्करायेगा, सपनों में आयेगा
हुई कभी कोई हार, तन भूल, फिर झूम जायेगा
फूल खिलेंगे प्रभास के, महकाएँगे स्वप्निल बहार
चेतना को ज्योति मिलेगी, दूर होगा गहन अंधकार
खोये रिश्ते याद आएँगे पलको में छवि मुस्करायेगी
दो पल की जिंदगी, ये बात समझ मे स्वतः आयेगी
अनमोल है जीवन का हर पल, न करेंगे कोई भूल
अपनों की दुनिया में प्रेम से बिताएंगे मिले हुए पल
"कमल" दे रहा मंगलकामनाओं का प्रेम भरा संदेश
हम शुभता से स्वस्थ रहे, ये साल हो सबका विशेष
✍️ कमल भंसाली