किसीके लिये भी आसान नही होता जीवन और मृत्यु में मृत्यु को चुनना।
जिंदगी में कुछ इतना भयावह होता होगा की उसका मुकाबला करते करते जीवन हार जाता है और उस भयावहता का कोई अंत भी नज़र नही आता होगा तभी तो कोई इंसान चुपचाप मृत्यु ओढ़ लेता है। इसमें ग़लती किसकी है? जिसने मृत्यु को चुना या जिसने उसे ये चुनने के लिये अकेला छोड़ दीया या ऐसा करने के लिये हालात पैदा किये ? सोचने की बात है,सब मिलकर सोचें 😔😔
-Neelima Sharrma Nivia