ज्यादा बोलना छोड़ दिया है लेकिन इसका मतलब ये नहीं की मैने रिश्ता निभाना छोड़ दिया है
अकसर रिश्तों में अजीब सी दूरियां बढ़ जाती है
ज्यादा बक बक करने से
ऐसा भी नहीं है की मैने अपनो की इस भीड़ में
अनापन छोड़ दिया है
याद तो करती हुं में सभी को
परवाह भी करती हुं
पर कितनी परवाह करती हुं ये बताना छोड़ दिया है
-Zainab Makda