प्रेम में बड़ी बड़ी बातें,
लोग तो किया करते हैं।
असल जिंदगी में उसे तो,
वह नहीं किया करते है।।
पटाने के लिए चांद तारें,
तोड़ने की बात कहते है।
हां उनकी बुलवाने के लिए,
सारी बातों में स्वीकृति देते हैं।।
फिल्मी बातों से अक्सर लोग,
दिल को बहलाना जानते है।
सब कर सकते है तुम्हारे लिए,
इस बात वो जताना चाहते हैं।।
पर असल जिंदगी में ऐसा ,
कुछ भी होता ही नहीं है।
हकीकत से रूबरू होने पर,
शेष कुछ बचा होता ही नहीं है।।
चार दिन की चांदनी के,
नजारे सब ही दिखाते है।
चंद दिनों के बाद ही वो,
असली रूप में आ जाते है।।
आजकल का कलियुगी प्रेम तो,
आकर्षण के कारण होता है।
आकर्षण जब खत्म होता तो,
अफसोस उसे अपने ऊपर होता है।।
मत पड़ना किसी के प्रेमजाल में,
क्षण भंगुर यह एक सपना है।
मुसीबत जब सिर पर आती है,
तब पता चलता कौन अपना है।।
अपने आपको मजबूत रखकर,
नहीं किसी पर आश्रित होना है।
बस खामोशी से चलते हुए ही,
लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित होना है।।
किरन झा मिश्री
-किरन झा मिश्री