हर देश में तू, हर वेश में तू ;
तेरे नाम अनेक, तू एक ही है ।
तेरी रंग भूमि यह कृष्ण धरा,
तेरे रूप अनेक तू एक ही है ।।
हर देश….
सागर से उठा, बादल बनके ;
बादल से फटा, वर्षा बनके ।
फिर नहर बनीं नदियाँ गहरी,
तेरे भिन्न प्रकार तू एक ही है ।।
हर देश……
जब बीज बोया,अंकुर फूटे ;
तेरी कृपा हुई तब पौध बनी ।
जब पौध बड़ा एक पेड़ बना,
फिर फल भी लगे और फूल खिले।।
हर देश में तू,हर वेश में तू ;
तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।
तेरी रंग भूमि यह कृष्ण धरा
तेरे रूप अनेक भगवन तू एक ही है…
#Krishna