हर कोने में 'सूना सूना' लिक्खा है बीच में लेकिन नाम तुम्हारा लिक्खा है
नाम तो मेरा है ही तेरे हाथों में जाने उसके आगे क्या क्या लिक्खा है
पैरों के छाले भी ये बतलाते हैं तुमने रस्तों पर इक किस्सा लिक्खा है
शायर दुनिया भर की प्यारा लिखते हैं हमने तो बस तुमको 'प्यारा' लिक्खा है
जिन पंखों को तुमने काटा हाथों से उन पंखों पर नाम हमारा लिक्खा है
प्यार कि बाज़ी में आख़िर क्या लिख देता तुमको जीता, ख़ुद को हारा लिक्खा है
-SD