अगर उदास हो गया हो मन।
तो काम आता है मां का दामन।
अगर हो खेलना कहीं उचाईयो पर
तो बैठ जाओ उचक्कर के पिता के कबंध।
अगर हो शरारती कही बहुत ही तुम।
तो करो शरारते छोड़ कर के आचरण।
अगर हो युद्ध कहीं तो निहत्था मत जाना
अगर लड़ने जाना तो साथ गुहना भाई सम।
मित्र ढूढना कोई जो कृष्ण सम हितैषी हो।
जो दुश्मनी निभाए कभी कृष्ण कभी बन बामन।
अगर हरण जो करो स्त्री पराई का
तो हर्ज न होगा। तुम बन जाना रावन।
-Anand Tripathi