में दीवानी तेरी प्रीत की ओ कान्हा..
मुझे बंसी की धुन सुनाओ ना..
ह्रदय में बस तुम बसे हो ओ कान्हा..
मुझे एकबार खुद से मिलाओ ना..
ये राधा तुजको पुकारे ओ कान्हा..
मेरी मटकी से भी थोड़ा मक्खन खाओ ना..
तुम प्रेम के परमात्मा.. ओ कान्हा..
मेरी प्रीत को अपनाओ ना...❤️
#Janmashtmi

Hindi Poem by Dr Mehta Mansi : 111825940

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