अच्छा बताओ ये चूड़ियां क्यों लाए हों,
तुम्हें पता है हमे यह ड्रामा पसंद नहीं हैं,

क्यों? वैसे कभी नॉर्मल हो जाया करो..।
पता नहीं कौनसी घुट्टी पीती हो..।
वैसे भला,
क्या बुराई है इन में..।
बोलो तो जरा.?

ये हमे रोकती हैं आगे बढ़ने से, हमे
डिस्टर्ब करती हैं, पढ़ने में....।

और यह बोध कराती हैं की एक लड़की
को यह पहनना होता है। पर यह क्यों ? ये
नहीं पता।

अच्छा अब ज्यादा ज्ञान मत , झाड़ो..।
सावन का महीना चल रहा है, हमें दिखी
और बहुत सारे लोग खरीद रहे थे, तो सोचा
हम भी खरीद लेते है...

पर तुम्हें तो " गोदान" की मिस ' मालती ' बनने की आदत जो है..।🙃
-shivaninany ✍️
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Hindi Microfiction by shivani singh : 111822736

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