जब राष्ट्रवाद की जगह हृदय में
स्वस्वार्थवाद आ जाता है
प्रगति की ओर अग्रसर राष्ट्र भी
पतन,अवनति की ओर मुड़ जाता है।
अतः जागो,उठो और आँखें खोलो
स्व कर्तव्यों से मुख न मोड़ो
रखकर केन्द्र में अपने राष्ट्र को
करो विकास सिर्फ राष्ट्रहित सोचो।।
💐💐सुप्रभात💐💐
-आशा झा Sakhi