कोशिश
लोग कहते है मेरे होठो पर मुस्कान बहोत है
मेरे चेहरे की पहेचान बहोत है
निराशा तो काफी है मैरी जिंदगी में लेकिन
इस निराशा को तोडने के अरमान बहोत है
नाउम्मीद तो हुइ हजारो मर्तबा मगर
इस दील मे उम्मीदो के आशियाने बहेात है
तिनका तिनका ख्वाब सजाने वाली मे
उन तिनको पर मुझे नाझ बहोत है
दो लफ्जोमे सुनाउ मे अपनी कहानी
इस कहानी मे मेरे इम्तहान बहोत है
मेरी कोशिश हारी कई बार यहा मगर
मेरी हर कोशिश पर मुझे गुमान बहोत है।
-Daxa Bhati