अगर बात दिल की सुनी होती
ना गलियां इस दिल की सुनी होती
अगर राह दूजी चुनी होती
ना गलियां इस दिल की सुनी होती
बाली उमर के वादे वो कसमें
होते कहां है किसके बस में
वादों के बदले मिलती है यादे
यादों से बचके कौन कहां भागे
ना आंखों में आज नमी होती
अगर बात दिल की सुनी होती
आज मैं कहीं और वो कहीं
ना मै, मै रहा ना वो, वो रही
सीने में बस एक नाम रह गया
जिंदगी ने दिया पैग़ाम रह गया
गर वक़्त से किस्मतकी जमीं होती
ना गलियां इस दिल की सुनी होती