हर किसी को खुश नहीं रख सकते .....
हर किसी की उम्मीद पर खरे नहीं उतर सकते
मेरी कोशिश सदा रहती है सबको मान देने की
पर हर किसी को कद्र नहीं होती उस सम्मान की
कुछ मेरी ग़लतियों को भी अनदेखा कर जाते हैं
तो कुछ नेकियों में भी कमियाँ निकाल जाते हैं
आजकल सारे रिश्ते भी मेंढक - से हो चले हैं
एक को बिठाओ तो दूसरे फुदकने लग जाते हैं