विषय-दोस्तों के साथ चाय
दिनांक-12/05/2022
जब बैठे हो हम और तुम,
हाथ में चाय की प्याली हो।
हम दोनों की मुलाकात में,
नहीं किसी की घरवाली हो।।
पुराने दिनों को याद करके,
हँसी ठहाके हम लगायेंगे।
पूरी मित्र मंडली को यादकर,
हम दोनों फिर हँस जायेंगे।।
वही पुरानी चाय की टपरी पर,
हम सब मित्रों का एक होना।
गर्मा गर्म जलेबी,समोसों की,
खुश्बू से आनन्दित होना।।
एक-एक दिन हर कोई तो,
चाय समोसे की पार्टी देता था।
सारे मित्र मिलकर साथ खाते थे,
मिलकर सबमें हो हल्ला होता था।।
कॉलेज का समय गुजरने के बाद,
सब अपनी-अपनी जॉब पर चले गये।
सबकी फिर शादियाँ हो गयी,
घर गृहस्थी में ही सब फँस गये।।
बहुत दिनों के बाद हम तुम,
आज मार्केट में है टकराये।
चाय पियेंगे हम साथ में बैठकर,
पुरानी यादों को फिर ताजा कर जाये।।
हम दोनों सारे मित्रों से मिलकर,
एक नया प्लान बनायेंगे।
महीने में एक दिन हम सब,
एक साथ ही घूमने जायेंगे।।
किरन झा(मिश्री)
ग्वालियर मध्यप्रदेश
-किरन झा मिश्री