"कितना अच्छा होता"
धरती पर सबके दिलों में प्यार होता?
ना कुछ तेरा ना कुछ मेरा होता,
यह संसार सबका सांझा होता,
कितना अच्छा होता सब के दिलों में प्यार ही प्यार होता?
ना कोई अपना होता ना कोई पराया,
ना कोई अमीर होता ना कोई गरीब होता
अगर इस धरती पर सब एक समान होता,
कितना अच्छा होता सब के दिलों में प्यार होता?
कितना अच्छा होता ना किसी को कोई दुख दर्द होता,
ना किसी के जीवन में कांटे और कलियां होती,
सबका जीवन फूल ही फूल खुशियां होता,
कितना अच्छा होता सबके दिलों में प्यार ही प्यार होता?
ना किसी के जीवन में कष्टों का सैलाब होता,
ना किसी का जीवन बेमतलब , बेफिजूल होता,
हर किसी का जीवन सुख का सागर होता,
कितना अच्छा होता सबके दिलों में प्यार ही प्यार होता?
✍️...© drdhbhatt...