अंतस
दिखा तो दी है राह तुमने साथ कौन देगा?
वेदना हृदय की मुझे चलने न दे रही ,
भागता है मन मेरा निरन्तर पीड़ित कर रहा|
मिल जाओ तुम्ही तो आवश्यकता क्या संसार की,
अगर अभी अबेर है कर्मो का कुछ फेर है , कर्मो मे
मेरे साथ दो , मेरा मन मेरे हाथ दो मेरा मन मेरे पास दो |