Happy Earth 🌎 day 💐🙏
"पृथ्वी"
पृथ्वी मेरा घर परिवार हैं,
वसुधैव कुटुंबकम्।
भूमि: मेरी माता हैं,
पुत्रोऽहं पृथिव्या:,
अथर्वॠषिने कहा है,
पृथ्वी मेरा घर परिवार हैं,
वसुधैव कुटुंबकम्।
यदि सुखचैनसे जीना है तो
पृथ्वी को प्रदूषणमुक्त करना होगा
धरती के आंचल में स्वच्छ शुद्ध हवा लहराना होगा,
धरती को नीलांम्बरसे
आच्छादित करना होगा क्योंकि,
पृथ्वी मेरा घर परिवार हैं,
वसुधैव कुटुंबकम्।
आसमां में उड़ान भरनेवाले
पंछियों को भयमुक्त करना होगा,
प्राणियों को अभयदान देकर,
नये उद्यानों को निर्मित करने होंगे
पृथ्वी मेरा घर परिवार हैं,
वसुधैव कुटुंबकम्।
नदी जलाशयों को निर्मल करके,
खेतों में हरियाली लानी होगी,
पवित्र गंगा की कसम खाकर,
पर्यावरण की रक्षा करनी होगी,
ये मेरा ये तेरा हैं, ये हैं संकुचित मनोवृत्ति, उदार चरित मानस बनाकर, सारा जहां है अपना,
यहां अपना-पराया कोई नहीं,
सब भेदभाव मिटाना होगा,
क्योंकि पृथ्वी मेरा घर परिवार हैं,
वसुधैव कुटुंबकम्। हमने अपनाया है,पृथ्वी मेरा घर परिवार हैं,
वसुधैव कुटुंबकम्।
।।स्वरचित डॉ दमयंती भट्ट।।