राह में कठिनाइयाँ तो आएँगी ही ..........
सफलता का शिखर यूँ ही नहीं मिला करता ।
खुद को खपाना पड़ता है कोयले की कालिख में ,
तराशा जाता है बारंबार, हीरा यूँ ही नहीं बना करता ।
चमकने को तो धूप में काँच के टुकड़े अनेक होते हैं ,
पर हीरे की चमक देखकर ही पारखी फ़िदा होते हैं ।