में अब ये रोज के ताने नही सह सकती।
नही इन लोगो के साथ अब रह सकती।
काश के में इन सबको छोड़ कही दूर जा सकती।
दिल रोता हे तन्हाई में,
नींद भी मेरी अब मुझे शांत नई कर सकती।
इन खयालों के वजह से तो में अब शांति से सो भी नही सकती।
काश के मे एसा कुछ कर सकती,
इनका तो क्या में सारे दुनिया के सास ससुर का व्यवहार बदल सकती।