जिसमें हर कठिन को सरल करने का साहस हो,
जो किसी भी परिस्थिति में जीवन यापन कर सके।
जिसमें सेवा समर्पण का भाव कूट-कूट कर भरा हो,
जो यथा समय शक्ति के समान रूप धारण कर ले।
धनवती होते हुये भी निर्धन-सा नित जीवन जिये,
गृहस्वामिनी होकर भी जीवन भर सेविका बनी रहे।
इन्हीं स्वरूप में तो दिखता वास्तविक महिला शक्ति रूप।।
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं व बधाईयां।
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-SADIKOT MUFADDAL 《Mötäbhäï 》