आज सुबह से ही मन मे बार- बार ख्याल आ रहा था कि आज मै क्या लिखूं
मैने कलम उठाई और वो रूक सी गई
ऐसा लगा जो आँगन सूने हो गये
माँ-बाप की आँखे अपने बेटो को देखने के लिए तरसती रह गई
कितने बच्चे पिता विहीन हो गए
कितनी सुहागनो की मांग सूनी हो गई
कितने गांव घर गलिया वीरान हो गई
कितनी बहने आज भी राखी लिए अपने भाईयो को याद करती होगी
क्या इन तकलीफो को शब्दो मे व्यक्त किया जा सकता है।
पुलवामा हमले मे शहीद सैनिको के लिए बस इतना ही------
आओ झुककर सलाम करे जिनके हिस्से मे ये मकाम आता है।
कितने खुशनसीब है वो जिनका खून वतन के काम आता है।।
शत् - शत् नमन
🙏🙏
-Meera Singh