हम तुम।
हम तुम जीवन भर के साथी हैं।
हम तुम नहीं बिछुडेंगे कभी ये बात बिल्कुल सही है।
हम तुम मधुर चांदनी में मिलकर सितारों से आगे
चले जाएंगे।
दुनिया से दूर सुदूर गगन में परिंदे बनकर
उड़ जाएंगे।
रवि के प्रकाश की जरूरत नहीं होगी फिर
हम तुम चांद तारों की रोशनी में जीवन साज
के साजिंदे बन जाएंगे।
लौट कर नहीं आएंगे संसार में
बस एक दिन टूटे हुए सितारे की गिनती में आ जाएंगे।
हां जी बिल्कुल अब सुदूर गगन में विचरण करते
हवाओं में कटी हुई पतंग के समान लहराएंगे।
अब हम तुम चांद तारों से दूर एक कल्पनाओं
के महल बनाएंगे।।
काल्पनिक।
-Anita Sinha