मन्नतें, ख्वाहिशें और हकीकत में कितना फर्क है
इन सभी में जब भी दिल से मांगो
अक्सर बेहतर से ज्यादा बेहतरीन दे ही देता है वह रब
फिर भी कई बार कुछ अधूरा सा महसूस हुआ करता है
मन्नतें मांगने से कहां मिलता है वो सब
ख्वाहिशें अक्षर अधूरी रह जाती है
और हकीकतों को जीने हम बयां नहीं कर सकते
मन्नतें ख्वाहिशें और हकीकत में कितना फर्क है Bindu
04:05 AM 27/12/21
-Bindu _Anurag