विषय-मौका
देश पर मर मिटने का,
जब भी मौका मिल जायेगा।
खून का एक-एक कतरा भी,
तन से तो निकल जायेगा।
देश में देशद्रोहियों का,
जब भी सामने चेहरा आयेगा।
उन लोगों को उनकी हैसियत तो,
एक देशभक्त ही दिखलायेगा।
देश की सीमा पर तो सैनिक,
बाहरी युद्धों से जीत जायेगा।
लेकिन घर में बैठे ग़द्दारों के,
खिलाफ आवाज कौन उठायेगा।
जब हमकों मौका मिला है तो,
देश के लिए कुछ कर जाना है।
सम्पूर्ण राष्ट्र को हम सभी को मिलकर,
एकता का ही पाठ पढ़ाना है।
किरन झा (मिश्री)
-किरन झा मिश्री