भूले से भी जान भूल मत जाना
नाज़ुक दिल है ज्यादा मत दुखाना।
आ गया हूँ मैं धनवानों की कतार में
जान तू ही है मेरा असली खजाना।
प्यार तुमसे है, बस यही था कहना
आता नहीं मुझे ज्यादा बातें बनाना।
चाह है मिलने की हम मिलेंगे जरूर
रोक सकेगा कब तक बेरहम जमाना।
-रामानुज दरिया