बाल कविता
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मुन्ना - मुन्नी
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मुन्ना- मुन्नी गए बाजार
वहाँ से लाए केले चार
गप्प -गप्प वो खा गए
दादी माँ से फिर पड़ी मार।
दादी बोली सब संग मिलकर खाओ
सब संग मिलकर ही मौज मनाओ
हिल -मिल कर ही रहना सदा सबसे
सब के लिए अब जाकर केले लाओ।
मुन्ना- मुन्नी फिर से गए बाजार
मन में आया फिर एक विचार
दो दर्जन अब लेकर चलते हैं
दादी फिर हमें करेगी दुगना प्यार।
आभा दवे©
मुंबई