Hindi Quote in Romance by Prabodh Kumar Govil

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साहेब सायराना
हमारी फिल्मी दुनिया की ये फितरत है कि ढेर सारे फिल्मकार यहां सफ़ल होने के लिए तरह- तरह से ज़ोर आजमाइश करते रहते हैं।
अगर कोई सफ़ल हीरो है और कामयाब हीरोइन है तो लोगों को लगता है कि इन दोनों को एकसाथ मैदान में उतारा जाए ताकि कामयाबी के दुगुनी होने की आशा रहे।
अप्रैल फूल, दूर की आवाज़, आई मिलन की बेला जैसी फ़िल्मों ने सायरा का बाज़ार दमदार बना दिया था। उधर दिलीप कुमार की ब्लॉकबस्टर सफ़लता के बाद उनके लिए नए- नए कथानक, नए - नए चेहरे तलाशे जा रहे थे। ऐसे में एक निर्माता महाशय दिलीप कुमार को सायराबानो के साथ अनुबंधित करने के ख़्याल से दिलीप साहब के दर पर भी पहुंच गए।
सायराबानो का नाम सुनकर दिलीप कुमार का कहना था कि वो??
वो तो बच्ची है अभी! उसके साथ क्या कहानी बनेगी भला?
निर्माता दिलीप साहब का इशारा समझ गया और मामला ठंडे बस्ते में चला गया। एक गीतकार को तो इस पूरे प्रकरण से एक पॉपुलर गीत लिखने का आइडिया मिल गया। उसने लिख डाला- तुम कमसिन हो, नादां हो, नाज़ुक हो, भोली हो... सोचता हूं मैं कि तुम्हें प्यार ना करूं।
लेकिन दिलीप साहब की जोड़ीदार मधुबाला जहां रोग से ग्रस्त होती जा रही थीं वहीं सायराबानो प्रेमरोग की गिरफ्त में थीं।
उनका कहना था- छोटी सी उमर में है लग गया रोग, कहते हैं लोग, मैं मर जाऊंगी!
निर्माता निर्देशकों ने भी मीडिया के ढोल- नगाड़ों से ये ताड़ लिया कि कुछ न कुछ तो होकर रहेगा। उन्होंने दिलीप कुमार और सायरा बानो को लेकर कहानियां तलाशने का जोश ठंडा नहीं होने दिया।
उधर सायराबानो एक से एक शोख़, चंचल और चुलबुली भूमिकाएं कर रही थीं इधर दिलीप कुमार को भी डॉक्टरों ने सलाह दे डाली कि जनाब, ट्रेजेडी किंग की गंभीर दुःखभरी भूमिकाओं से तौबा कीजिए वरना डिप्रेशन में जाने की नौबत आ सकती है।
लोगों ने देखा कि दिलीप साहब कॉमेडी भूमिकाओं में भी नज़र आने लगे हैं। लीडर, संघर्ष जैसी बोझिल फ़िल्मों के बाद दिलीप कुमार ने कुछ हल्की फुल्की फ़िल्मों में भी काम किया और दर्शकों के जेहन में दिलीप सायरा के व्यक्तित्व के अलगाव की छवि कुछ धूमिल पड़ने लगी।
और तब आया...!

Hindi Romance by Prabodh Kumar Govil : 111772944
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