जो तुम न होते
तुम्हारे आने से पहले जीवन में,
मेरे अंदर कुछ तो टूट रहा था।
तुमनें आकर जीवन में मेरे,
एक नया अध्याय लिखा था।
हँसी-खुशी जैसे रुठ गयी थी,
तुमने हँसी का सैलाब लिखा था।
मेरे सूने पड़े हुए आंगन में,
जैसे फूलों का बांगबा दिखा था।
चेहरा मेरा मुरझाया हुआ सा,
उस पर तुमने मुस्कान दिया था।
जो तुम न आते मेरे जीवन में,
तो दिल की दुनियां में वीरानी होती।
लव रहते खामोश हमेशा,
और न किसी की कहानी होती।
तुम्हारे आने से जिंदगी में,
एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है।
तुम मानो या न मानो अब,
एक नई दिशा का आगाज हुआ है।
किरन झा (मिश्री)
-किरन झा मिश्री