My Meaningful Poem....!!!
तेरी वफ़ा मतलबों का शर्माया
तेरी अदा ज़रूरतों का पिटारा
तेरा सजदों में सर रगड़ना भी
तेरी मजबूरियों का ही सहारा
तेरी दानदातारी-ओ-ईमानदारी
तेरी जवाँ-मर्दानी का ही नजारा
तेरी सादगी-ओ-बंदगी भी तो है
तेरी ही मोक्ष-मुक्ति का जरिया
तेरी प्रभु-परस्ती-ओ-नरम-दिली
तेरी ही खुशनुद़गीओ का बकाया
ग़रज़ कि तूने यहाँ जो भी किया
ख़ुद-परस्ती-ओ-हस्ती के लिए
एसे ही गर जीदगीं तु यहाँ जीया तो
क्या जीया एहसान तो नहीं किया
बात तब बनती कि रात की शब
बे-दारी में रब-से राफ़ता किया
अपनी पुर-खुलुस आजीजी से
रब को राज़ी करनेका कमँ किया
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-Rooh The Spiritual Power