मैं और मेरे अह्सास
अनूठे प्रेम बंधन में बंध चुके हैं l
नशीले प्यार के सामने झुके है ll
अजीब से रिसते ने बाधा है l
जन्मों जन्म से लम्हे रूके है ll
दो आत्मा ओ का मिलन है l
युगों बाद दिल से दिल जुड़े हैं ll
सदियों के इंतजार के बाद l
अश्रुओ से दरवाजे खुले है ll
प्यारी सी आँखों को देखकर l
फिर जाम के नशे में डूबे है ll
दर्शिता