सबन्धों का धन बरसे,
रिश्तों में मिठास बढ़ती जाये
आरोग्य रहें नाते सारे
वात्सलय की सुरभि बरसी जाये
भरे हृदय में स्नेह का अमृत
प्रेम सुधा से जग सिंचित हो जाये
रहे न कोई मनोविकार अन्तस् में
नेह ताप से सब कीटाणु मर जाये
सद्गुणों का अमृत रस छलके
पाकर इस सुधा को सब आरोग्य हो जाये।।
आशा झा सखी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
आप सभी को धनतेरस की अनंत शुभकामनाएं🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
-आशा झा Sakhi