तु हैं मेरी राधा
तेरे बिना मै हू आधा
बानी है तेरी माधुरी
जैसे कृष्णा की बांसुरी
चाहे भले घुमे हजारो गोपियां आसपास
मगर रहेगी तु सदा दील के पास
राधा ने चुरा लिया था मक्खनचोरका दील
बस वैसे ही चुरा लिया है तुने मेरा दील
साथ जब होती है तुम
लगता है यही है वृंदावन
#priten 'screation#
-Priten K Shah