बारम्बर नमन करती
आजादी के रखवालों को,
इसकी सुन्दरता यूँ ही नही,
ये रक्तपिपासी तृष्णा सी,
नखरे इसके हैं बहुत बड़े
करती भक्षण यह वीरों का ,
कायर कुनबा न भाता है ,
नरसिंहो पर मन आता है,
इकलौती इसकी ऐंठ बड़ी,
नित इच्छाएं है बड़ी -बड़ी ,
माओं से लाल ये छीन रही,
फिर भी सबकी यह हृदय परी |
आपसभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏💐💐💐💐💐💐
-Ruchi Dixit