My New Poem ....!!!!
हर पल प्रभु-रटन में गुज़ारना
नम्रता से बात करना
हर एक का आदर करना
हर वक़्त शुक्रिया अदा करना
और
बड़े प्यार से माफी मॉगना
ये नायाब गुण जिसके पास हैं
वो सदा
हर दिल अज़ीज़ तो है ही है
औऱ
साथ ही वह रब के भी क़रीब है
प्रभु के लिए तो बे-शक वह खास बंदा है
निगाहें उसकी ग़ैरों के दु:ख दर्द पर होतीं है
हर दूआँ रब की बारगाह में क़बूल होती हैं
साँसों की आवन-ज़ावन में ही बंदगी होती हैं
चेहरे से उसके मानो नूर की बारिश होती है।
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