संता – यार कल रात घर देर से पहुँचा,
बेल बजाई पर बीवी ने गुस्से में दरवाजा नहीं खोला तो पूरी रात सड़क पर गुजार दी
बंता – फिर सुबह बीवी ने दरवाजा खोला की नहीं ?
संता – नहीं यार, सबेरे दारू उतरी तो याद आया कि,
अभी तो मेरी शादी ही नहीं हुई है
और चाबी तो जेब में ही थी