शीर्षक : हँसते, हँसाते
हँसते, हँसाते कट जाए, जीवन के ये रस्ते
साथी, निभाये प्रीत की रीत, चलते चलते
तूँ न रहे, मैं न रहूँ, कल, पर रहे हमारे गीत
न थके दोनों, चले साथ हम, हँसते, हँसाते
कल की बातें, न दोहराये, पल को समझाते
इसी तरह बतियाते रहे, योंही, चलते चलते
कथनी नेक रहे, करनी में विश्वास रहें, जो कहते
कभी स्वयं को न महत्व दे, कर्म करे, हँसते, हँसाते
दुखः की धूप हो या सुख की छांव, नहीं रुकते
मीत, हम सदा हमकदम रहे, न रुके चलते, चलते
फूलों की वादियों में, चल पक्षी बन, हम उड़ते
इस दुनिया में, जब तक रहे, तो रहे, हँसते, हँसाते
✍️कमल भंसाली
-Kamal Bhansali