सुना होगा वक्त के साथ-साथ मोहब्बत होती है गहरी ,
क्या कहूं मेरे मन का हाल ?
तुम्हें पाने का वजूद कम हो रहा है !
यह मत सोचना कि मेरी पसंद बदल चुकी है ,
बस तुमसे चाहत कुछ कम हो रही है !
यादें अभी भी संजोए रखी है दिल में ,
लेकिन अब तुम्हें खत लिख कर खुद अपने ही पास रख लेती हूं !
ना बातें , ना मुलाकातें , ना कोई वजह मिलती ,
तमन्ना तुमसे मिलने की अपने रुख बदल चुकी है !
कैसे कह देती तुमसे ? बस पूछती हमेशा क्या तुम्हें भी,
मुझसे मेरे जितना प्यार है ?
जवाब तुम्हारा वही होता यह जानकर भी खुशी नहीं होती अब मुझे !
नफरत ? नहीं !
अगर तुम बेवफा हो जाओ फिर भी मुमकिन नहीं !
शायद अब इश्क तुमसे कम होने लगा है ; प्रेम विग्रह हो रहा है !
- Urmi