तुम इश्क की बात करते हो
ज़रूर दोस्ती से ठोकर नहीं खाई होगी
अगर इश्क दिल पे घाव देता है
दो दोस्ती दिल पे छेद कर निकाल जाती है
इश्क में तो दगा की जगह होती है
पर दोस्ती,
उसमे तो वो भी नहीं
जब इश्क तोड़ देता है
तो होते हैं दोस्त संभालने को
पर जब दोस्त तोड़ देता है
तो समझ आता है अकेलापन
जैसे जब झूट से ज़्यादा सच तोड़ देता है
उसी तरह प्यार से ज़्यादा यार तोड़ देता है
इश्क बदल सकता है
वो फिर भी इश्क रहेगा
दोस्ती बदल गई
तो वो सौदा बन जाता है
इश्क से ज़्यादा दोस्ती मार जाती है
क्यूंकि दोस्ती में पहले से ही प्यार होता है
#garima
-Garima Singh