एक लेखक जब एक कहानी कहता है तो उसके माध्यम से मानव ह्रदय की किसी भावना को ही उद्वेलित करता है। मानव ह्रदय में कई तरह की भावनाएं होती हैं। जैसे प्यार, नफरत, ईर्ष्या, दया, भय आदि। कोई भी कहानी इनमें से किसी एक या कई भावनाओं की अभिव्यक्ति ही होती है। जो कहानी के चरित्रों द्वारा आपके सामने व्यक्त होती हैं।
हिमाद्रि भी ऐसे ही कई भावनाओं की अभिव्यक्ति करती है। परंतु इसमें भय की भावना को प्रमुख रूप से दर्शाया गया है। भय मनुष्य की ऐसी भावना है जो सबसे अधिक उस पर हावी होती है।
मनुष्य के भय के बहुत से कारण होते हैं। लेकिन उसके भय की सबसे बड़ी वजह वह शक्तियां होती हैं जो उसके आसपास अदृश्य रूप से रहती हैं। इन अदृश्य शक्तियों को भूत, पिशाच, चुड़ैल और प्रेत कहा जाता है।
यह कहानी भी एक प्रेत की कहानी है। जिसने कुमुद के जीवन में उथल-पुथल मचा रखी है। उसकी हंसती मुस्कुराती ज़िंदगी में दुख के बादल छा गए हैं। यह कहानी है उमेश के अपनी पत्नी कुमुद के लिए प्रेम व समर्पण की। अपनी पत्नी को दुख से उबारने के लिए किए गए प्रयासों की।
कहानी वर्तमान में आरंभ होकर आपको अतीत में ब्रिटिश काल में ले जाएगी। कई उतार चढ़ावों के बाद यह कहानी बहुत ही रोमांचक मोड़ पर समाप्त होती है।
मुझे उम्मीद है कि यह पुस्तक आपका भरपूर मनोरंजन करेगी। इसलिए भय और रोमांच का अनुभव करने के लिए आज ही आर्डर करें।
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