शीर्षक : योग सँकल्प ✍️कमल भंसाली
जीवन को, आशा का संदेश दीजिए
हर- रोज योग को, कुछ समय दीजिए
योग मधुरता से, शरीर को ऊर्जा देता
बुरे- काल में, हम सब की रक्षा करता
ऋषि मुनियों का दुलारा, अब जग-प्यारा
अपनाओं, स्वस्थ रहो, समय का ये नारा
योग देता सहयोग, उससे उभरे सदभावना
तन-मन स्वस्थ रहे, सही हैं, प्रणायाम करना
योग, स्वास्थ्य के मंदिर का भक्तिमय पुजारी
देह-मूर्ति की पूजा की जिम्मदारी अब हमारी
योग दिवस पर शपथ हो, ये हमारी- तुम्हारी
स्वस्थ रहेंगे, सावधान रहेंगे, हो, ये प्रार्थना हमारी
जीवन अनमोल है, साँसों को संभालना अब जरुरी
योग को न समझे मजबूरी, रोगों से तभी होगी दूरी
✍️कमल भंसाली
-Kamal Bhansali