हमारा और उनका कुछ तो वास्ता था।
उनसे मिलने का बस यही एक रास्ता था।
उस वक्त तो मुकद्दर को भी खेल खेलना था।
बिन मौसम बरसात जो होना था।
दिल भी कह रहा था और मुकद्दर का भी इशारा था।
हमारे नैनो का उनके नैनो से कुछ रिश्ता पुराना था।
हमको भी कुछ कहना था.....
उनको भी कुछ कहना था......
कहने को मौका ही कहां मिला
की
उनकी निगाहों ने हमसे कह दिया
उन्हें बस मरते दम तक हमारे संग रहना था।
~siya Tiwari ✨