खुदा से मिला रहमत है तू मेरे लिए बहुत अहम् है तू तेरे प्यार का मुझपे रंग चढ़ गया मुझे तुमसे इश्क़ हो गया न न करते कब हाँ कर बैठी दिमाग का सुनते सुनते कब दिल की सुन ली बस इतना पता है तुमसे इश्क़ हो गया कब हुआ कैसे हुआ बस हाँ तुमसे इश्क़ हो गया तेरे ख्यालों में रहती हूँ खुद से ही तेरी बातें करती हूँ तेरे नाम से ही मुस्कुरा देती हूँ तुम्हें खबर भी नहीं और मैं तुम्ही से बेइंतहा प्यार करती हूँ खुदा की मुझपे नेमत है तू मेरी बरकत है तू तुझसे दिल का राब्ता हो गया मुझे तुमसे इश्क़ हो !
-neel rose