सावन आया
काले कजरारे बादल लाया वर्षा की झड़ी लगी चारों ओर , ताल तलैया भरे सब और, मेंढक पपीहे कोयल का चारों और शोर।
मिटटी की भीनी खुशबू फैली सब और ,बाग बगीचों में महके फूल सब और, भ्रमरो की गुंजार फैली सब और ।
झुकी हुई है डालियां चारों ओर फूलों से हिल मिलकर सखियां झूम उठी गीतों से ,चारों ओर छाया मस्ती का नया तराना है ,अब भादो को भी उमंग से आना है ।
सब की तपन मिटाये सावन, परदेसी पिया की याद दिलाए सावन।
-manisha sharma