My Meaningful Poem ...!!!
खुद को अगर ज़िंदा समझते हो
तो ग़लत का विरोध करना शिखों
क्योंकि लहरों के साथ तो यारों
तो अक्सर लाशें बहा करती है
और जिन तारों में करँट नहीं होता
उस पर गीले कपड़े सुखाएँ जाते हैं
तार गिटार के हो या दिल के यारों
ज़िंदा तभी तक जब तक हल-चल
संगीत मध्यम या मद्धम ताल तक
या दिल में रवानी-ए-लहू रहने तक
जैसे ही इसमें बिराजमान प्रभु बिदा
तार तार ना रह कर तार तार है बस
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