My New Poem ..!!!
🌹क्यों सोचे तू कल की,
🌹कल के कौन ठिकाने हैं,
🌹ऊपर बैठा वो बाजीगर,
🌹जाने क्या मन में ठाने है,
🌹हदकी बात हम हदके कीड़े जाने,
🌹पर वह उपर बैठा सबको पहचाने,
🌹किड़ीको कएा हाथीको मएा लागे,
🌹फ़िकर सबकी उसने हर पल लागे,
🌹भिखारी भुखा जागत ना सोए भुखा,
🌹उसके दरबारमें ना कभी कोइ धौंखा
🌹राजारंक हरएक उसके मन यक-सा
🌹फिर जाने तूं क्यू ना नज़रका धोखा
🌹मुजमें तुजमें हरएक में वही समाया
🌹कहत कबीर वाणी बात यही न्यारी
🌹कर ले मन जोगी तन प्राणकी स्वारी
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