शीर्षक : दोस्ती, जीवन नृत्य
किस्से दोस्ती के हजार बार दौहराना
बात दुश्मनी की किसी को न बताना
दोस्ती तो महक है, फूल जैसी मुस्कानों की
दुश्मनी तो कहानी है, बंद हुए दरवाजों की
राह जिंदगी की बहुत छोटी, तंग है उसकी गलियां
मुस्कराते रहों अपनों संग, कम न होगी तब खुशियां
क्या है ऐसा ? जिस पर हमारी तकरार जारी रहे
फूल न मुरझाए प्रेम का, डाल दोस्ती की हरी रहे
दुश्मनी को दिल मे न मिले पनाह, ये ख्याल रहे
हम है, इस सोच में कभी मैं और तूँ अलग न रहे
जुदाई और मिलन जिंदगी का अनचाहा सत्य है
अंत तक निभाये हर सम्बंध, तो वो जीवन-नृत्य है
✍️ कमल भंसाली