।साथ हैं।
तो क्या हुआ अगर,
तुम साथ नहीं,
तुम्हारे होने का ऐहसास ,
साथ हैं।
तो क्या हुआ अगर,
तुम्हारी आवाज़ साथ नहीं,
तुम्हारे हसने की खुशी
तुम्हारे रोने का गम
साथ हैं।
तो क्या हुआ अगर ,
तुम्हरी बातें साथ नही,
तुम्हारे साथ बिताए लम्हों की ,
यादें साथ हैं।
कम ही सही,
पर वो मुलाकातें ,
साथ हैं।
© Anushka Prasad