🌿🌷दया और ईष्या!!🌷🌿
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दया के पात्र
बनने से बेहतर है ।
ईर्ष्या का पात्र बनना ।
क्योंकि
दया का पात्र वहीं होता है ,
जो मोहताज होता है ।
लेकिन
ईर्ष्या का पात्र बनने के लिए
काबील बनना पड़ता है ।
और काबील बनने के लिए
जीवन में काबिलियत
पैदा करनी पड़ती है ।
🌷🌿 जय श्री राधे 🌿🌷
#आर्यवर्त