दिया था उसने,कहा दिया?एक ही सवाल है
पिया था हमने, कहा गया?एक ही सवाल है
हवा भी तो बीकाऊ हो गई इधर जमीन पर
भगवान व्यापारी हो गया?एक ही सवाल है
नालियेर और अगरबत्ती से तु माना ही नही
श्रद्धा का अभाव हो गया?एक ही सवाल है
ढुंढने निकल गए कई लोग सारे जहां मे तुजे
भीतर से बाहर हो गया क्या?एक ही सवाल है
पुछता तुमको चारण हितदान,उत्तर दीयो नाथ
तु है की कही खो गया? बस एक ही सवाल है
हितदान गढवी (सिंहढायच - कवि हितदान)
रामोदड़ी (हाल जामनगर)
-Kavi Hitdan 9023323724