My Painful Poem..!!!
अनगिनत चितायें जल रही है
आज लेकिन सब मौन हैं
कोई बताएगा ज़रा इस बर्बादी
का जिम्मेदार है तो कौन है
या टर्मफ के हिन्दोस्तान दौरे के
दौरान भेंट स्वरूप आया है
मेहमान बन कर या स्टेडियम 🏟
कथित उद्घाटन की ही भेंट है
जैसे भी आया पर बड़ा ही बलवान
पहेलव़ान हनुमान से भी तेज़ है
वह तो सिर्फ़ लंका-दहन ही किए थे
सूक्ष्म हो के भी जहाँ हिला दिया
क़ुदरत का प्रकोप 😷 है या फिर
है मानवसर्जित जो भी है पर है
तो ख़तरनाक कातिल ख़ौफ़नाक
मंजरों का जनोक्ति जनेंता है
है सिफँ तीन अक्षरों का नाम तो है
पर भयंकर भयानक अंजाम है
जी हाँ कोरोंनाजी अब तो हम पर
रहम-ओ-करम कर दो ना जी
अब ओर कितनी लाशोंसे जी भरेगा
आभार प्रकट कर बता दो ना जी
प्रभुजी की क़ुदरत पर हमें एतराज़ तो
हरगिज़ नहीं पर कुछ तो बता दो ना..
✍️🥀🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🥀✍️